अखिल भाई का परिवार कई कारण से मेरा परिवार बन गया है | श्री पूर्णम के प्रति उभरते लाड प्यार के कारण, हंसा बेन के प्रति असली सतीत्व के उभरते पूज्यभाव के कारण, श्री गोपा के संगीत ने हृदय में स्थान बनाया इस कारण, श्री विनय भाई के प्रौद्योगिकी मंच केअंकों के अभिभाव के कारण, श्री विभा की सरलता के कारण , श्री सोहम भाई के साथ के सह अध्ययन एवं सह्कार्य के कारण हरेक का सही माधुर्य सही प्रमाण में हमारे परिचय में आया और अच्छे परिमाण में आया ऐसा यह अद्भुत कुटुम्ब !
खादी की निष्ठा, ब्रह्मचर्य की आकांक्षा, समाज रचना में रस ; अखिल भाई का स्वयं का रस रंग अतिशय ऊँचा रहा | वे भजन रचना करते थे इतना ही नहीं; वे विनोबाजी के उपदेशों को शीघ्र ही वाणी और संगीत में बुन लेते थे | कविता, जो कंठ में बैठकर जीवनभर प्रेरणा और शिक्षण देती रहे, एक बड़ी समाज सेवा है | भूदान के गहन विचारों के गीतों के रचनाकारों में श्री अखिल भाई का नाम दर्ज रहेगा |
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