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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह संग्रह केवल शब्दों का मेल नहीं, अनुभवों की प्रतिध्वनि है - कुछ स्मृतियों की छाया, कुछ अनकहे एहसास और कुछ जीवन के गहरे रंग। हर कविता एक लम्हे की तरह है, जो कभी बीतकर भी भीतर ठहर जाता है।
यदि इन पंक्तियों में आपको अपने भावों की झलक मिले, तो यह लेखनी सार्थक होगी।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.सौम्या हेमन्त मिश्रा
सौम्या, जिन्हें स्नेहपूर्वक 'मोहिनी' कहा जाता है, मोतिहारी की एक कवयित्री, चित्रकार और उद्यमी हैं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद उन्होंने पारंपरिक राह से हटकर समाजसेवा का मार्ग चुना। अपने मित्र मुक्तेश के साथ मिलकर उन्होंने महाराष्ट्र में एक स्वयंसेवी संस्था की स्थापना की और सिविल सेवा की तैयारी करते हुए सामाजिक कार्यों में स्वयं को समर्पित किया।
उनकी प्रेरणा और संबल उनके पति हैं, जो एक सेना अधिकारी हैं। वर्तमान में सौम्या अपना व्यवसाय संभालते हुए अपनी रचनात्मक अभिव्यक्तियों - लेखन और चित्रकला को भी पूरी निष्ठा से जीवित रखे हुए हैं।
उनकी कविताएँ प्रकृति, भावनाओं और जीवन के सहज क्षणों से प्रेरित हैं। इस पुस्तक का आवरण उनकी अपनी चित्रकला का उदाहरण है, जो इसे एक अत्यंत व्यक्तिगत संग्रह बना देता है। यह रचनाएँ उनकी यात्रा, आत्म-अभिव्यक्ति और विकास की सजीव झलकियाँ हैं।
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