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Syahi aur khyal / स्याही और ख्याल ख़ामोश अलफ़ाज़ों का शोर / Khamosh alfazon ka shor

Author Name: Jitender Shah | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

इन पन्नों में, प्यार सिर्फ़ एक भावना नहीं है; यह एक 'दस्तकारी' है। सारी नज़्मों में से हर एक आत्मा का एक सावधानीपूर्वक तराशा गया हिस्सा है, जो हर ज़ख़्म को कला के काम में बदल देता है। स्याही सिर्फ़ स्याही नहीं है - यह कवि का अपना खून है, और शब्द सिर्फ़ शब्द नहीं हैं - वे एक ऐसे दिल की अवज्ञा भरी आवाज़ हैं जो चुप रहने से इनकार करता है। यह संग्रह नफरत और लगाव, अवज्ञा और समर्पण के बीच के जटिल नृत्य को दर्शाता है, जो मानवीय स्थिति पर एक अनूठा दृष्टिकोण प्रदान करता है जो जितना कच्चा है उतना ही परिष्कृत भी।

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जीतेंद्र शाह

जितेंद्र बैंकिंग में अपने करियर को कहानियाँ लिखने के जुनून के साथ संतुलित करते हैं। प्रकृति के उत्साही अन्वेषक होने के नाते, वे अपने लेखन के लिए प्रेरणा जंगल से लेते हैं। वे पहाड़ों में रहते हैं, जहाँ एक अतिसक्रिय कल्पना और क्लासिक साइंस फिक्शन के प्रति प्रेम उनके हर शब्द को आकार देता।

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