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Tumhare Geet / तुम्हारे गीत Songs for You

Author Name: Dr. Vipul Saxena | Format: Paperback | Genre : Music & Entertainment | Other Details

तुम्हारे गीत
साहित्य जगत में कुछ नाम ऐसे होते हैं जो अपनी अनूठी रचनात्मकता के कारण अमर हो जाते हैं। गीतकार एवं साहित्यकार श्री रमेश चंद्र ‘अनिल’ का नाम सन 1940 से 1980 के कालखंड के ऐसे ही साहित्यिक नक्षत्रों में शुमार होता है। उनकी लेखनी ने प्रेम, वेदना और जीवन की सच्चाइयों को अत्यंत संवेदनशीलता के साथ अपने गीतों में
पिरोया। संगीत के जानकार होने के कारण उन्होंने कई गीतों को मधुर धुनों में ढालकर अनेक कवि सम्मेलनों, साहित्यिक आयोजनों और मंचों पर प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।

तुम्हारे गीत’ श्री रमेश चंद्र ‘अनिल’ के लिखे गीतों के संग्रह में से 60 चुने हुए गीतों और रचनाओं का संकलन है, जिसमें उनकी लेखन शैली की गहराई और विषयों की विविधता स्पष्ट रूप से झलकती है। सरल भाषा में गहन अर्थ समेटे उनके गीत प्रेम, जीवन की कठिनाइयों और मानवीय संवेदनाओं का दर्पण हैं।

श्री रमेश चंद्र ‘अनिल’ महाकवि गोपालदास ‘नीरज’ की काव्य-रचनाओं और प्रसिद्ध पार्श्वगायक श्री कुंदनलाल सहगल की गायकी से अत्यंत प्रभावित थे। उनके गीतों में नीरज की कविताओं की छाया तथा सहगल की संगीत शैली की लय-बद्धता स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।

तुम्हारे गीत’ उनकी रचनात्मक विरासत को संजोते हुए नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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डॉ. विपुल सक्सेना

डॉ. विपुल सक्सेना, सुप्रसिद्ध साहित्यकार व गीतकार श्री रमेश चंद्र ‘अनिल’ के सुपुत्र हैं। उन्हें लेखन का संस्कार अपने दादा श्री हनुमान प्रसाद सक्सेना ‘दिनेश’ और पिता से विरासत में प्राप्त हुआ।

16 वर्ष की उम्र में उनका पहला लेख प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘चिदंबरा’ में प्रकाशित हुआ, जिसके बाद उनकी कहानियाँ और कविताएँ ‘धर्मयुग’ और ‘दैनिक नवज्योति’ जैसी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में वर्षों तक नियमित रूप से प्रकाशित होती रहीं। भारतीय नौसेना में विमान चालक के रूप में सेवा देते हुए भी उन्होंने हिंदी साहित्य से अपना जुड़ाव बनाए रखा।

नौसेना से सेवानिवृत्ति के पश्चात कॉरपोरेट जगत में शीर्ष पदों पर कार्यरत रहते हुए भी उनकी साहित्य साधना निरंतर जारी रही। साल 2020 में उनके द्वारा कोरोना योद्धाओं के सम्मान में लिखा गया गीत “आओ सब मिल दीया जलाएँ” का वीडियो, श्री राजीव प्रताप रूडी (सांसद, सारण - बिहार) द्वारा विमोचित किया गया था, जो यूट्यूब पर उपलब्ध है।

तीन पीढ़ियों की अद्वितीय साहित्य सेवा के लिए वर्ष 2019 में उन्हें लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला द्वारा ‘साहित्य श्री’ की उपाधि से अलंकृत किया गया।

उनके पिताजी द्वारा लिखे गए गीतों के संग्रह से चुने हुए गीतों और रचनाओं की पुस्तक “तुम्हारे गीत” का संपादन, उनकी रचनात्मक विरासत को संजोने का प्रतीक है।

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