क्या आपकी किस्मत ग्रहों और नक्षत्रों से तय होती है, या यह केवल मन का एक भ्रम है? क्या भविष्य को देखा और बदला जा सकता है, या यह केवल भाग्य के खेल में उलझा हुआ है?
"ज्योतिष: विज्ञान और आध्यात्म का संगम" एक ऐसी किताब है, जो इन गूढ़ और विवादित सवालों को सीधे चुनौती देती है। यह न केवल ज्योतिष के प्राचीन सिद्धांतों की पड़ताल करती है, बल्कि यह भी जांचती है कि क्या वे वैज्ञानिक कसौटी पर खरे उतरते हैं। क्या कुंडली वास्तव में समय की मशीन है, जो भविष्य के संकेत देती है, या यह केवल सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक प्रभावों का नतीजा है?
लेखक अनुराग अग्रवाल ने इस पुस्तक में उन रहस्यमयी शक्तियों को उजागर किया है, जिन्हें विज्ञान और आध्यात्म के बीच फंसा दिया गया है—भूत-प्रेत, सम्मोहन, टेलीपैथी, और कर्मों का खेल।
यह किताब आपके विश्वासों को झकझोरने, आपके सवालों को और गहरा करने और आपको सोचने पर मजबूर कर देने के लिए लिखी गई है। क्या आप सच को जानने के लिए तैयार हैं, या आप भी सिर्फ मान्यताओं के अंधेरे में जीना चाहते हैं?
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