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Baat Jazbaat Ki / बात जज़्बात की Apni Kuchh Nazmon Aur Ghazlon Ke Zariye/अपनी कुछ नज़्मों और ग़ज़लों के ज़रिये

Author Name: Dr. Sandeep Atre | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

अच्छी शायरी में तीन गुण होते हैं - उसके मा'नी ऐसे हों कि आपके मन में आए "अरे! यह तो मेरे मन की बात कह दी", उसका लहजा ऐसा हो कि आपके मुंह से निकल जाए "वाह क्या बात कही है!", और पढ़ चुको तो असर ऐसा कि ज़ेहन का एक हिस्सा यह भी कहे कि "काश, यह मैंने लिखा होता"। 


यह किताब ऐसी नज़्मों और ग़ज़लों का गुलदस्ता है जो ग़ालिबन आपको ये तीनों एहसासात देंगी.

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डॉ. संदीप अत्रे

डॉ. संदीप अत्रे एक काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट (www.dratrecounsels.com) और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ‘इमोशनल व सोशल इंटेलिजेंस विशेषज्ञ हैं। ये संस्थापक हैं सोशेलिजेंस के – एक कंपनी जो ‘इमोशनल व सोशल इंटेलिजेंस’ को विकसित कराने पर काम करती है न्यूरोसाइंस व साइकोलॉजी पर आधारित अपने विशिष्ट इ-लर्निंग कोर्स के ज़रिये (www.socialigence.net). साथ ही, ये सह-संस्थापक हैं मध्य-भारत की एक प्रमुख कोचिंग संस्था 'सीएच एजमेकर्स' (www.ch-india.com) के जो २५ वर्षों से ज़्यादा समय से कार्यरत है।

इस किताब के अलावा इन्होंने तीन और किताबें लिखी हैं - दो किताबें 'इमोशनल व सोशल इंटेलिजेंस' से जुड़ी: “Understanding Emotions Logically” व “Observing Nonverbal Behavior” और एक किताब ज़िंदगी के मुख़्तलिफ़ पहलुओं पर - "Two Paras of Everyday Wisdom". ये एक माने हुए ब्लॉगर भी हैं। 

ये एक मैनेजमेंट वक्ता के तौर पर कई प्रतिष्ठित मंच पर फीचर कर चुके हैं और कई प्रतिष्ठित एसोसिएशन्स और बोर्ड्स के सदस्य रहे हैं। अपने दो दशकों से ज़्यादा के करियर में इन्होंने ५० से ज़्यादा कंपनियों के प्रोफेशनल्स को और हज़ारों व्यक्तियों को इंट्रा-पर्सनल व इंटर-पर्सनल पहलुओं पर बेहतरी के लिए प्रशिक्षित किया है।

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