दिव्यास्त्र विमर्शिनी निग्रहाचार्य श्रीभागवतानंद गुरु के द्वारा रचित एक संकलन ग्रन्थ है जिसमें प्राचीनकाल के अधिकांश दिव्यास्त्रों के मन्त्र, विधान और प्रयोग सम्मिलित किये गये हैं | विलुप्तप्राय निग्रह सम्प्रदाय के अन्तर्गत जो मन्त्र और विधान यत्र तत्र नष्ट हो रहे थे उनका अनेक देवता तथा ऋषियों के मत के अनुसार वर्णन करने का प्रयास इस ग्रन्थ में किया गया है |