एकाभिनय मंच पर पुस्तक में लेखक द्वारा एकाभिनय के नाटकों को प्रस्तुत किया गया है। सामाजिक एवं मानवीयता के मुद्दों को अपनी लेखनी से प्रकाश डालकर उकेरने का प्रयास किया है। एक याद नाटक के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या जैसी जघन्य हत्याओं पर प्रकाश डाला है। जान ले लो मेरी के माध्यम से कबूतर की कहानी के माध्यम से विभिन्न पक्षियों पर हो रहे अत्याचारों के मन की पीड़ा को बताया गया है। कल्पना चावला के जीवन पर आधारित नाटक कल्पना में सपनों की उड़ान के माध्यम से बालिकाओं में जोश भरने का काम किया है। कीड़ा के अन्तर्गत मानवीय सोच को दर्शाया गया है कि आज वर्तमान में हम किस प्रकार की सोच रखते है। आकर्षण के माध्यम से बलात्कार की पीड़ा और परिवार के दर्द को उजागर किया है। उक्त नाटक एकाभिनय द्वारा विभिन्न हाव-भावों द्वारा भली प्रकार से व्यक्त किये जाये ंतो निश्चित रूप से हमारे समाज में जागृति उत्पन्न होगी। इसी आशा के साथ