भारत में संसदीय चुनाव अपने आप में एक विशाल घटना है और इस का आयोजन एक उल्लेखनीय उप्लब्धि है। भारत के नागरिकों ने 1951 से अब तक कुल 18 बार यह कर दिखाया है। इस के आयोजन में दस लाख से ज़्यादा मतदान केंद्र, पचपन लाख EVM, देढ़ करोड़ मतदान अधिकारी, और सुरक्षाकर्मी के अलावा और भी कई संसाधनों की आवश्यकता है। 8,000 से ज़्यादा उम्मीदवार अपनी-अपनी स्वयंसेवकों और समर्थकों की टीम लिये, चुनावी मैदान में हैं। इन सबके अलावा ऐसे लोगों की एक पूरी सेना है जो विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ और सेवाएँ प्रदान करती है। ये इस देश के गणतन्त्रता सेनानी हैं।
यह किताब 2024 की गर्मियों में देश में होने वाले सात चरणों के चुनाव का अनुसरण करते हुए लेखक के यात्रा की और इन लोगों की भूमिका और जीवन का आलेख ही नहीं, उनके योगदान को श्रद्धांजलि है।
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