लड़का लड़की के सफेद बाल हो चुके है उम्र का आधा पडाव समाप्त हो चुका है। फिर भी कैसी सोच कैसा विचार लेकर जीवन जी रहे है। हमारा मानव समाज कितना विकसित हो चुका है। हर तरह की सुविधायें है। हर तरह के लड़के लड़कियॉं है। कई तो बहुत सीधे और सरल व्यक्तित्व वाले फिर भी उनकी तरफ कोई नहीं सोचता बस अपनी सोच में जीवन जी रहे है। पुस्तक वैवाहिक जीवन की कई स्थितियों पर नाटक द्वारा व्यंग्य किया है। आनन्द लें और नाटक पढ़ें------