पुस्तक भढ़ता ही डर परौ ग्यो तो हमझो पुस्तक आच्छी है। इ बला ही इ पुस्तक लिखी है। इमें रंग भरवा का चित्र भी दे मेंल्या है। उमें हउ-हउ रंग भरजो। हउ तरह घोट जो। पछे उने आपणा मातापिता व गुरूजी ने बताव जो। पछे इ में दे मेंली वाता ने पढ़ी ने हुणाजो। तब लिख जो कि पुस्तक कसाण की लागी।
जदी पुस्तक थाने हउ लागे तो मारी मेंनत सफल वई जा गा।
इ पुस्तक दो कारण ती तय्यार कीदी है। एक इ में दीदा तका चित्र ने रंग भरवा वाते व दूजो इ में दी तकी कहाणी भढ़वा वाते। था ने जो हउ लागे वो करजो। पण एक बार इ कहाणीकार ने फोन कर ने जरूर बताजो। ताकि थाका मन की वाता कहाणीकार जान सके।