गोपिका गीत श्रीमद्भागवत महापुराण के दशम स्कन्ध के ३१वें अध्याय से लिया गया है। इसमें गोपियों के द्वारा श्रीकृष्ण के प्रति की गयी विरह प्रार्थना का वर्णन है। प्रस्तुत संस्करण निग्रहाचार्य श्रीभागवतानंद गुरु के द्वारा गोपिका गीत पर लिखी गयी विद्योत्तमा टीका के हिन्दी अनुवाद के साथ है।