पहाड़ी की सैर कहानी संग्रह में तीन कहानी सम्मिलित है. इस में राबिया का जूता एक ऐसी कहानी है जो राबिया को जूते से ज्यादा पापा की अहमियत के दर्शन कराती है. वही पहाड़ी की सैर एक रोमांचक यात्रा से रूबरू कराती है. वही जैसे को तैसा कहानी जैसा करोगे वैसा भरोगे— को व्यक्त करती है.