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Samaj ke pair / समाज के पैर

Author Name: Dr. Himanshu Sharma | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

समाज विसंगतियों का मारा है! इन्हीं विसंगतियों के सही समय पे इलाज न मिलने के कारण समाज एक जगह बैठ गया है और उसने ये मान लिया है कि वो दिव्यांग है! उसकी दिव्यांगता भी शारीरिक नहीं अथवा मानसिक है! लेखक ने प्रयास किया है कि कटाक्ष के बाणों का उपयोग इस समाज पे किया जाए ताकि गुस्से के आवेग से ही सही, कम से कम समाज उठकर चले तो सही अपने पैरों पर, समाज के पैरों पर! 

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डॉ. हिमांशु शर्मा 

डॉ. हिमांशु शर्मा, पेशे से एक सहायक आचार्य हैं जो कि आई. आई. टी. आर. ए. एम. नामक संस्थान के जानपदीय अभियांत्रिकी विभाग (सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट) में कार्यरत हैं! उन्होनें अपनी अधिस्नातकीय शिक्षा एम. बी. एम. अभियांत्रिकी महाविद्यालय से जानपदीय अभियांत्रिकी में की है! परास्नातक एवं आचार्य वाचस्पति की उपाधि उन्होनें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की (आई. आई. टी. रूड़की) से हासिल की है! लेखक ने अपने कटाक्षों को "क्या हम गधे हैं?" नामक पुस्तक रूप में प्रकाशित करवाया है!

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