बाल कहानी संग्रह-‘‘सपने में सपना’’में दिनेश द्वारा लिखी गई छह बाल कहानियाँ संग्रहीत हैं जिनमें कहानी ‘हेल बोप्प’ के माध्यम से दिनेश ने प्रातः जल्दी जागने के अनेक फायदों की ओर इशारा किया है तो कहानी ‘पराया दुःख’ के माध्यम से एक अच्छा पड़ोसी धर्म निभाना इंसानियत की निशानी है। कभी भी दूसरों को कष्ट देकर हम प्रसन्न नहीं हो सकते। पानी के अपव्यय की ओर भी यह कहानी इशारा करती है।संग्रह की शीर्षक कहानी ‘सपने में सपना’ एक अच्छे प्राचार्य के लक्षणों को तो बताती ही है साथ ही यह भी बतलाती है कि प्रत्येक व्यक्ति का कार्य महत्वपूर्ण होता है।‘भूल’ कहानी बताती है कि माता-पिता को अपने बच्चों से बातें करने का समय निकालना चाहिए। बच्चे तो बच्चे हैं, यह सोचकर उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचानी चाहिए।कहानी ‘और चोरी रुक गई’ तथा ‘पश्चाताप’ सिखाती है कि हमारी शरारतें अन्ततः हमको ही नुकसान पहुँचाती हैं।यद्यपि इन कहानियों में दिनेश ने सीधे-सीधे तो कोई उपदेश नहीं दिया है फिर भी मेरा ऐसा विश्वास है कि इन कहानियों को पढ़कर बच्चे ही नहीं, किशोर और उनके माता-पिता भी बहुत कुछ सीखेंगे। डॉ.सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
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