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Shakti Sutra / शक्तिसूत्रम् सृष्टिभाष्य

Author Name: Shri Bhagavatananda Guru | Format: Paperback | Genre : Religion & Spirituality | Other Details

महर्षि अगस्त्य के द्वारा कहे गये शक्तिसूत्र नामक ग्रन्थ में 305 सूत्र हैं। शक्तितत्त्व को निग्रहकर्म में प्रधान माना जाता है तथा शक्ति को निग्रहकारिणी कहते हैं। निग्रह का अर्थ नियन्त्रण करना होता है। प्रस्तुत ग्रन्थ निग्रहागमों के द्वारा समर्थित सर्वेश्वरी विद्या आदि से युक्त तथा शक्तिसूत्रों पर निग्रहाचार्य श्रीभागवतानंद गुरुजी के द्वारा लिखे गये सृष्टि भाष्य एवं हेमलता हिन्दी भाषानुवाद के साथ है।

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श्रीभागवतानंद गुरु

श्रीमन्महामहिम विद्यामार्तण्ड श्रीभागवतानंद गुरु (श्रीनिग्रहाचार्य) भारत के वरिष्ठ धर्माधिकारी एवं लेखक हैं | बाल्यकाल से ही सनातन धर्म के ग्रन्थों एवं विषयों पर व्याख्यान तथा लेखन करना इनकी विशेषता रही है | इन्होंने हिन्दी, अंग्रेजी और संस्कृत में अनेकों पुस्तकों का लेखन किया है |

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