श्रीसूक्त ऋग्वेद के खिलभाग के अन्तर्गत श्रीदेवी (लक्ष्मी) की एक महत्वपूर्ण स्तुति है | प्रस्तुत पुस्तक में मूल संस्कृत पाठ तथा उसपर श्रीनिग्रहाचार्य के द्वारा विरचित शङ्करभाष्य सम्मिलित किये गये हैं | पाठकों की सुविधा के लिये श्रीप्रसाद-भाषानुवाद भी हिन्दी में दिया गया है | इस भाष्य की विशेषता यह है कि इसमें बहुत से दुर्लभ अर्थ एवं भावों का समावेश है | इस संस्करण के संपादक आचार्य अरुण कुमार पाण्डेय हैं |