बच्चों ! अनजानी चीज हमें डराती है. इस से हम भयभीत होते हैं. इसलिए उन से डर लगता है. यही डर हमें भय का भूत लगता है. भूत हमारा वहम होता हैं. कभी हम हमारी छाया से डर जाते हैं. वही हमारे लिए भूत हो जाती है.
तब सवाल उठता है कि भूत होते हैं ? इस का जवाब नहीं. इस को हम ने कांव-कांव के भूत में समझाने की कोशिश की. जो चीज हमें दिखाई नहीं देती हैं. उसे डरते हैं तो वह हमारे लिए भूत हो जाती है.