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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइस आकर्षक हिंदी कविता संग्रह के माध्यम से अस्थिरता, हानि और आत्मिक जागरूकता के गहरे विषयों की खोज करें। इस संग्रह की प्रत्येक कविता मानव स्थिति की एक झलक प्रस्तुत करती है, जिसमें अस्तित्व, स्मृति और अर्थ की खोज जैसे विषयों की पड़ताल की गई है। इन कविताओं की लयात्मक सुंदरता और भावनात्मक गहराई पाठक को छूती है, उन्हें सांत्वना और अंतर्दृष्टि दोनों प्रदान करती है।
'नश्वर तन' में जीवन की क्षणभंगुरता से लेकर 'माँ' में खोई हुई साँ की भावनात्मक यादें, हर कविता जीवन की खुशियों और दुखों पर एक अनूठा दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। 'कमज़ोर कोरोना' और 'मंजिल की ओर' में प्रतिकूलताओं के खिलाफ साहस को देखें, और 'अटल जी' में एक सम्मानित नेता को श्रद्धांजलि महसूस करें। ये कविताएँ हानि, संघर्ष और आशा के विषयों की पड़ताल करती हैं, पाठकों को उनके अपने सफर और मानवता के सार पर विचार करने के लिए आमंत्रित करती हैं।
स्वर्ण लता
स्वर्ण लता एक सशक्त और दृढ़ निश्चयी महिला हैं, जिन्होंने साधारण निम्न-मध्यम वर्गीय पृष्ठभूमि से उठकर अपने परिवार और समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं। अपने भाई-बहनों का समर्थन करते हुए उन्होंने रोज़मर्रा की कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उनका संकल्प कभी नहीं डगमगाया। अपने माता-पिता के अटूट समर्थन से उन्होंने *हिंदी प्रभाकर*, एमए हिंदी, और बी.एड जैसी प्रतिष्ठित शैक्षिक उपाधियाँ हासिल कीं। हालाँकि, उनकी प्रतिभाएँ सिर्फ़ शिक्षा तक सीमित नहीं हैं। स्वर्ण लता खेल, कला, और संगीत की भी शौक़ीन हैं, और उनकी असीम जिज्ञासा उन्हें निरंतर नई दिशाओं में खोज करने के लिए प्रेरित करती है।
उनकी यात्रा के केंद्र में उनके पति और तीन बच्चों के लिए एक मज़बूत स्तंभ के रूप में उनकी भूमिका है, जहाँ उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को भावपूर्ण कविताओं में पिरोया है। उनकी कविताएँ संघर्ष, प्रेम और आशा के रंगों से सजी हुई हैं। *"माँ"* और *"भिखारिन"* जैसी उनकी उल्लेखनीय रचनाएँ पारिवारिक बंधनों, सामाजिक संबंधों, और उन अनदेखे धागों की गहराई को उजागर करती हैं जो हम सभी को एक साथ जोड़ते हैं। अपनी लेखनी के माध्यम से स्वर्ण लता पाठकों को आत्मचिंतन, सहानुभूति और मानवीय भावना की सुंदरता के संसार में आमंत्रित करती हैं।
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