You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palडाॅ. विनोद डी. रंगारी की नवीनतम कृति ‘स्काॅलर्स’ प्रेरक व रोचक कथानक है। यह उनके शोधकाल, सन् 1984 से 1989 के मध्य प्रत्यक्ष अनुभवों पर आधारित है। भारत की प्रतिष्ठित क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला, जम्मू में पी एचडी करना, उनके लिए यह सीधा और आसान रास्ता नहीं था। उनके शोध निर्देशक डाॅ. सी के अटल वियतनाम चले जाने के बाद अब उनका कोई मार्गदर्शक न था। विश्वविद्यालय में पंजीयन भी नहीं हो रहा था, इन स्थितियों में नितांत अकेले; बिना किसी मित्र या साथी के उनका शोध कार्य जारी रखना एक कठिन परीक्षा थी। वक्त और हालात के अनुसार वे स्वतः कैसे रूपांतरित होते रहे? यह कल्पनातीत और रहस्यवादी घटना से कम नहीं है! विकट परिस्थितियों में भी उत्साह और साहस के साथ रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए सकारात्मक प्रेरणा व प्राकृतिक संकेतों को उन्होंने समझा।
कथानक में ‘सुनिति’ का प्रकरण ऐसे ही प्राकृतिक संकेत का द्योतक है, जो अत्यंत आश्चर्यजनक है। अंतर में ‘प्रेरणा’ को प्रबलता से, कैसे प्रस्फुटित होने दें! सफलता कैसे पाएं? जीवन जीने की कला क्या है? ‘स्काॅलर्स’ में यह उल्लेख भी प्रचुर प्रमाण में किया गया है। शोध कार्य के मध्य कठिनाईयों से जूझते जो भी लोग उनके संपर्क में आए; उन सभी को उन्होंने प्रोत्साहित किया और व्यक्तिगत रूप से आवश्यकतानुरूप मदद भी की। औरों के दुःख की घड़ियों में की गई मदद, प्रतिक्रिया स्वरूप उनके लिए भी कठिनाईयों से उबरने में सहायक सिद्ध हुई। लेखक ने अपने मित्र को आर आर एल के घटनाक्रम और मित्रता को लिपिबद्ध करने का वचन दिया था, तदअनुरूप उन्होंने मित्र-धर्म का निर्वहन किया। ‘स्कालर्स’ मित्रता और मानवीयता का मूर्त रूप है। लेखक की प्रामाणिकता का प्रमाण उनके मार्गदर्शक डाॅ. अटल के इस संदेश में निहित है, ‘‘स्काॅलर्स सच्ची दोस्ती और मानवीय रिश्तों को समर्पित एक बहुत ही संवेदनशील किताब है।’’
विनोद डी. रंगारी 'सुदान्त'
डाॅ. विनोद डी. रंगारी, फार्मसी विभाग, नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने अपनी पी एचडी उपाधि क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला, जम्मू में विविध विधाओं के ज्ञाता, सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक तथा निदेशक डाॅ. सी. के. अटल के मार्गदर्शन में अर्जित की है। व्याख्याता, सहायक आचार्य, आचार्य तथा प्राचार्य आदि पदों पर अनेक संस्थाओं में कार्य निष्पादन के पश्चात वर्तमान में, गत दस वर्षोंं से वे गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में आचार्य एवं विभागाध्यक्ष के पद पर आसीन हैं।
उनका बहुआयामी व्यक्तित्व उनके शोध कार्य, लेखन, काव्य तथा दार्शनिक विचारों में प्रकट होता है। उन्होंने अब तक ‘‘एच आई वी-एड्स एन्ड बायोएक्टिव नेच्युरल प्रोडक्ट्स’’ स्टूडियम प्रेस, यू एस ए से प्रकाशित पुस्तक सहित आठ पुस्तकों की रचना की है। इन रचनाओं में उनके काव्य संग्रह ‘प्रवाह’ तथा ‘सफर’ का समावेश है। ‘स्काॅलर्स’ उनके पांच वर्षीय शोध काल की मधु-कटु, चुनौती पूर्ण और अवर्णनीय अनुभूतियों का संग्रह है।
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.