दौड़ अभी बाकी थी! पुस्तक में कुल चार कहानियॉं हैं। पहली कहानी ‘‘दौड़ अभी जारी थी!’’ जीवन में प्रवेश करने से लेकर मरणोपरान्त तक की दौड़ का संकेतात्मक विवरण प्रस्तुत किया गया है। दूसरी कहानी ‘‘नाम-धराई’’ एक ऐसे गांव की कहानी हैं, जहॉं प्राचीन कुरीतियॉं और परम्पराएं अभी भी मौजूद हैं और इन कुरीतियों के विरुद्ध एक महिला कैसे अपनी लड़ाई लड़ती है। तीसरी कहानी ‘‘गांव के मास्साब’’ में ऐसे शिक्षकों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है, जिन्हें लोग सम्मान तो देते हैं लेकिन वेतन मजदूरों से भी कम। चौथी कहानी ‘‘अम्मा’’ अवसाद की ओर जाते-जाते, जीवन में शिखर की ओर रुख करने वाले लड़के और उसके विश्वास की कहानी है, जो रोमांच और अद्भुत घटनाओं को अपने में समेटे हुए है।