हम बच्चों को क्या देते हैं ? यह इस बात पर निर्भर करता हैं. बच्चा जैसा देखता, सुनता व पढ़ता है वैसा ही बनता हैं. इस में समाजा का कार्य महत्वपूर्ण होता है. समाज में शिक्षक, साहित्यकार, मातापिता व गुरूजनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं.
समाज के एक अंग होने के नाते हम सब अपनीअपनी भूमिका अच्छी तरह निभाए तभी हम सुखी व संपन्न हो सकते हैं. बच्चों को साहित्य व संस्कृति से परिचित करना हम सब का दाइत्व हैं. इसे हम अच्छा साहित्य दे कर, लोककथाएं और कहानियां सुना कर पूरा कर सकते हैं.