Share this book with your friends

Mere swapan / मेरे स्वपन(कुछ बुरे कुछ अच्छे कुछ अधूरे कुछ सच्चे) (kuch boore kuch acche kuch adhoore kuch sacche)

Author Name: Jatin Mittal | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

रोज़ अपने चेहरे पर एक बनावटी हंसी लिए चलता हूं

एक फूल जैसे

कभी मुरझाता हूं

कभी खिल उठता हूं

इसीलिए तो कहता हूं

जो दर्द मैने सहे आप न सह पाओ

स्वपन तो देखो पर उनपर कभी अमल मत करो

Read More...

Ratings & Reviews

0 out of 5 (0 ratings) | Write a review
Write your review for this book
Sorry we are currently not available in your region.

जतिन मित्तल

जतिन मित्तल
जैसा मेरा नाम वैसा मेरा काम जिस तरह भोले नाथ जी ने कितने दर्द सही दुनिया बनाने में
आज मैं भी वे से रहा हूं अपनी जिंदगी सुधारने में

Read More...

Achievements