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Praarthanaa Evam Praanaansh / प्रार्थना एवं प्राणांश प्रेरक काव्यांश संकलन

Author Name: "Videh" Arvind Kumar | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

जीवन मृत्यु के वाहन के आगमन की प्रतीक्षा में रत यात्री के कार्यकलाप और मनोदशा के अतिरिक्त क्या है! इस प्रतीक्षा में क्या-क्या अनहोनी अनुभूतियां नहीं होतीं! इस प्रतीक्षा को कम कष्टकर करने के लिए काव्य-शास्त्र अनुश्रवण की अनुशंसा मनीषियों ने की है। साथ ही प्रार्थना के माहात्म्य को भी स्वीकारा है।

मनो पुब्बङ्गमा धम्मा

मनो सेट्ठा मनोमया!   

भगवान बुद्ध ने मन से ही सृजित होता हुआ इस सकल प्रपंच को बताया है। अतः मन को शुचि एवं निष्कंप रखकर आप संसार का अनुभव बदल सकते हैं। जब सभी कुछ कल्पित है तो सबको अपना मत अनुभव-जैसा लगता है। पर है वस्तुतः कपोल-कल्पित ही, न इसे सत्य कहने का कोई तात्पर्य है, न असत्य कहने का। बस मन को साधने का साधनभर है -- प्रार्थना।

अपने जीवन में जिन प्रार्थनाओं एवं प्राणांशों से ऊर्जा ग्रहण की, उनको सलीके से संचित करके ग्रंथाकार रूप दे दिया है। इसमें प्रार्थनाएँ भी हैं, प्रेरक काव्यांश भी हैं, संस्कृत-साहित्य के सूक्त भी हैं, और हैं उर्दू के ज़िन्दादिल शे’र और नग्मे। यदा-कदा ये प्रार्थना-प्राणांश पढने से आप भी ऊर्ज्वस्वित होंगे, ऐसी शुभकामनाओं के साथ,

‘विदेह’ अरविन्द कुमार, लखनऊ, उ प्र

अक्टूबर, 2025

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'विदेह' अरविन्द कुमार

विभिन्न विधाओं में आपने अब तक 27 ग्रंथों का प्रणयन किया है, जिनमें 17 अंग्रेजी एवं 10 हिंदी भाषा में हैं। हिंदी की पुस्तकों में 03 कहानी-संग्रह (अनपढ़ लिपि, पाषाण युग, निसर्ग); 03 कविता-संग्रह (आर्त-गान, काल-क्रन्दन, अननुभूत काल); 01 नाटिका (अम्बेडकर-स्मृति); 01 काव्य-संचयन (प्रार्थना एवं प्राणांश) उल्लेखनीय हैं। इसके अतिरिक्त आपने खड़ी बोली के प्रथम महाकाव्य ‘प्रिय-प्रवास’ को भी पुनर्संकलित एवं पुनर्मुद्रित किया है; तथा साथ ही, वाल्मीकि रामायण के उत्तरकाण्ड का गद्यांतरण इतिहास के दृष्टिकोण से आपने ‘महामुनि वाल्मीकि रचित् इतिहास: रामायण – उत्तरकाण्ड’ नामक पुस्तक के रूप में किया है। 

अंग्रेजी भाषा में आपकी उपन्यास शृंखला ‘Hypocrisy & Reality’ है जिसके अब तक 9 खण्ड वह प्रस्तुत कर चुके हैं (Beyond the Pale; Wilderness of Literacy; Advent of Time; Devoid of Shelter; Price of Refuge; Hatred towards Love; Towards the Yoga; On the Descent; In the Exile)। इसके अतिरिक्त, 01 Comedietta (Chambellion); 01 Short Story collection (Brainy Beasts); 01 Poetry anthology (Bewailing Muse); 01 Drama (Self-styled Sovereign, the Judiciary); पौराणिक ग्रंथ ‘शिव-पुराण’ के आधुनिक संदर्भों में अध्ययन पर आधारित 01 पुस्तक (Procreation, the Adorable); 2017 के साहित्य नोबेल पुरस्कार विजेता, Kazuo Ishiguro, के प्रथम उपन्यास ‘A Pale View of the Hills’ पर आधारित 01 समीक्षात्मक ग्रंथ (Nagasaki: Bomb & Aftermath) हैं।

‘विदेह’ जितने मौलिक सर्जक हैं उतने ही समर्थ अनुवादक भी हैं। उन्होंने हिंदी के 02 काव्य-संग्रहों – ‘निर्विकार’ मुकेश के ‘हत्यारी सदी में जीवन की खोज’, और ‘अश्वघोष’ ओमप्रकाश शर्मा के ‘अदृश्य का यथार्थ’ – का काव्यात्मक अनुवाद अंग्रेजी में किया है, जो क्रमश: ‘Search for Life’ एवं ‘Reality of Invisible’ के नाम से प्रकाशित हुई हैं। 

2024 के हिंदी दिवस पर – 14 सितंबर  को – ‘विदेह’ को ‘शुभम् साहित्य, कला एवम् संस्कृति संस्थान’ द्वारा उनके सर्वोच्च सम्मान ‘शुभम् रत्न’ से सम्मानित किया गया। 

‘विदेह’ की पुस्तकें ‘Notion Press’, Blue Rose One, Amazon और Flipkart पर तीनों ही प्रारूपों – eBooks, paperback एवम् hard cover – में उपलब्ध हैं।

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