‘विदेह’ अरविन्द कुमार
विभिन्न विधाओं में आपने अब तक 24 ग्रंथों का प्रणयन किया है, जिनमें 14 अंग्रेजी एवं 10 हिंदी भाषा में हैं। हिंदी की पुस्तकों में 03 कहानी-संग्रह (अनपढ़ लिपि, पाषाण युग, निसर्ग); 03 कविता-संग्रह (आर्त-गान, काल-क्रन्दन, अननुभूत काल); 01 नाटिका (अम्बेडकर-स्मृति); 01 काव्य-संचयन (प्रार्थना एवं प्राणांश) उल्लेखनीय हैं। इसके अतिरिक्त आपने खड़ी बोली के प्रथम महाकाव्य ‘प्रिय-प्रवास’ को भी पुनर्संकलित एवं पुनर्मुद्रित किया है; तथा साथ ही, वाल्मीकि रामायण के उत्तरकाण्ड का गद्यांतरण इतिहास के दृष्टिकोण से आपने ‘महामुनि वाल्मीकि रचित् इतिहास: रामायण – उत्तरकाण्ड’ नामक पुस्तक के रूप में किया है।
अंग्रेजी भाषा में आपकी उपन्यास शृंखला ‘Hypocrisy & Reality’ है जिसके अब तक 6 खण्ड वह प्रस्तुत कर चुके हैं (Beyond the Pale; Wilderness of Literacy; Advent of Time; Devoid of Shelter; Price of Refuge; Hatred towards Love)। इसके अतिरिक्त, 01 Comedietta (Chambellion); 01 Short Story collection (Brainy Beasts); 01 Poetry anthology (Bewailing Muse); 01 Drama (Self-styled Sovereign, the Judiciary); पौराणिक ग्रंथ ‘शिव पुराण’ के आधुनिक संदर्भों में अध्ययन पर आधारित 01 पुस्तक (Procreation, the Adorable); 2017 के साहित्य नोबेल पुरस्कार विजेता, Kazuo Ishiguro, के प्रथम उपन्यास ‘A Pale View of the Hills’ पर आधारित 01 समीक्षात्मक ग्रंथ (Nagasaki: Bomb & Aftermath) हैं।
विदेह जितने मौलिक सर्जक हैं उतने ही समर्थ अनुवादक भी हैं। उन्होंने हिंदी के 02 काव्य-संग्रहों – ‘निर्विकार’ मुकेश के ‘हत्यारी सदी में जीवन की खोज, और ‘अश्वघोष’ ओमप्रकाश शर्मा के ‘अदृश्य का यथार्थ’ – का काव्यात्मक अनुवाद अंग्रेजी में किया है, जो क्रमश: ‘Search for Life’ एवं ‘Reality of Invisible’ के नाम से प्रकाशित हुई हैं।
अभी हाल ही में 2024 के हिंदी दिवस पर – 14 सितंबर को – विदेह को ‘शुभम् साहित्य, कला एवम् संस्कृति संस्थान’ द्वारा उनके सर्वोच्च सम्मान ‘शुभम् रत्न’ से सम्मानित किया गया है।