पुरुषसूक्त सनातन धर्म के वैदिक साहित्य का एक प्रधान सूक्त है | इस पुस्तक में शुक्ल यजुर्वेद के पुरुषसूक्त का पुरुषोत्तम भाष्य सम्मिलित किया गया है जिसके रचयिता निग्रहाचार्य श्रीभागवतानंद गुरु हैं | इस भाष्य में प्रचलित अर्थ के साथ वर्णोद्धार का तान्त्रिक अर्थ एवं पौराणिक अंश का उल्लेख भी हिन्दी अनुवाद के साथ किया गया है तथा इस संस्करण के सम्पादक आचार्य अरुण कुमार पाण्डेय हैं |