सबने कहा ये नामुमकिन है। उसके पास न पैसा था, न पहचान, न ही कोई सहारा— सिर्फ वो सवाल जो कोई सुनना नहीं चाहता था, और एक सपना जो उसके हालात से कहीं बड़ा था। लेकिन मिनी कोई साधारण लड़की नहीं थी। वो ख़ामोशी में तूफ़ान थी, अंधेरे में एक चिंगारी— जो बस अपने वक्त का इंतज़ार कर रही थी।
आख़िर एक ऐसी लड़की, जिसे समाज ने नज़र अंदाज़ कर दिया था, वो देश की सबसे ऊँची कुर्सी तक कैसे पहुँची? उसने कौन-कौन से फैसले लिए जो उसकी ज़िंदगी बदल गए? उसने क्या खोया, और क्या ऐसा था जिसे उसने किसी भी हालत में छोड़ने से इनकार कर दिया?
उसकी कहानी आपके विश्वासों को हिला देगी, आपके साहस को परखेगी, और आपको सोचने पर मजबूर कर देगी: क्या अगला महान नेता वही हो सकता है जिसे ये दुनिया सबसे कमज़ोर समझती है?
इस किताब को पढ़िए और जानिए वो सफर, जिसे कभी दुनिया जान ही नहीं पाई।