इस कहानी संग्रह में कुल पांच कहानी है
अपनी धरती अपना है चमन
टीटू और कोताड़ु
अपवाहे- टिल का ताड
शेर का मुंडन संस्कार
सदाचारी शेर
सभी कहानियाँ जगँल के साम्राज्य और जंगली जानवरो की कहानियाँ है
लेखक के विषय में
मेरा बचपन मध्यप्रदेश के पिपरिया कस्बे में बीता जिसका पुराना नाम पौसार था. सड़क पर दौड़ती बड़ी बड़ी कारे इसे एक शहर सा दिखाने की कोशिश करती पर साथ में चलती बैलगाड़िया ये भी अहसास कराती की पौसार तुम अभी एक कस्बे से ज्यादा कुछ नहीं हो.
छोटू अब पंद्रह साल का होने को है पर बचपन से लेकर आज तक वो बगैर कहानियां सुने सोता नहीं है बस शर्त एक होती है कोई कहानी दुहराई न जाये। में भी रोज नै कहानी बनाता और उसे सुनाता चला गया कभी वो कहांनिया सुनकर हंस हंस कर लटोपोट हो जाता तो कभी कोई कहानी सुनकर बहुत उदास हो जाता। क्योकि हर बार वास्तव में उसे एक नई तरह की कहानी से सामना हो जाता। धीरे धीरे वो जिद करने लगा की की क्यों न इन कहानियों का संग्रह बना कर लाया जाये। ताकि कई और बच्चे भी इन कहानियों को पढ़ सकें।
यूं तो कई तरह की कहानियां लिखी पर इस संग्रह में सिर्फ जंगल के जानवरो के छोटे छोटे किस्सों को रखने की कोशिश की है।
विनोद पाराशर