एकाएक ऐसा वक्त आ गया की मैंने अपनी सभी कहानियो को अधूरा छोड़ दिया और वर्तमान समय में होने वाली घटनाओ को गौर से देखने लगा। सब के लिए ये पहली बार घटने वाली घटना थी बंद बंद सबकुछ बंद।
फिर एकाएक पैदल चलने वाले मजदूरों की एकाएक बाढ़ सी आ गई , और साथ में उनके परेशानियों की कहानियाँ चल पड़ी। "ते चमगादुर होइ अवतरहीं " ये कहानी उन्ही बेबसों की कहानी है जिसमे उनका सब कुछ स्वाह हो गया।
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