वो अगली सुबह
By Shreya Jain in General Literary | कुल पढ़ा गया: 251 | कुल पसंद किया गया: 0
                                        वो अगली सुबहअगली सुबह अमन तो जागा लेकिन अम्मी नहीं। यह दास्त  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 7,2020 07:40 PM
फायदा उठाए कोरोना वाइरस का,
By bhawna gaur in Poetry | कुल पढ़ा गया: 251 | कुल पसंद किया गया: 0
जी हाँ, इस महामारी , राष्ट्रीय आपदा कोरोना वाइरस संक्रमण के  चलते जो छुट्टी आपको  और हमको मिली है उनका फायदा उठाए.  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 13,2020 04:51 AM
ಏಕಾಂತ ಹಿತವೆನಿಸುತ್ತಿದೆ!
By Harish T H in Poetry | कुल पढ़ा गया: 251 | कुल पसंद किया गया: 0
ಏಕಾಂತ ಹಿತವೆನಿಸುತ್ತಿದೆ  ಪ್ರಶಾಂತ ವಾತಾವರಣದಲ್ಲಿ ಕೂತಿರುವಾಗ. ಏಕಾಂಗಿ ನಾನಾಗಿರಲು ನಿನ್ನನ್ನೇ ನೆನೆದೆನು ನಿರ್ಸಗದ ಮಡಿಲಲ್ಲ  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ May 23,2020 01:07 PM
अंदाज़े बयां
By M Tasleem in Poetry | कुल पढ़ा गया: 249 | कुल पसंद किया गया: 0
उनके अंदाज़े बयां का क्या कहना कभी नज़रों से कभी लफ्जों से कभी चूड़ी की खनक कभी पायल की छनक कभी होंठों से बात करते हैं उ  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 30,2020 05:56 PM
बोल मेरे खुदा !
By aryan in Poetry | कुल पढ़ा गया: 249 | कुल पसंद किया गया: 1
क्या गलती हुई थी मुझसे ए मेरे खुदा, की उसका हाथ मेरे हाथ में थाम दिया । मेरी गलती को तोह एक पल में पहचान लिया, और उसकी क  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Jun 6,2020 03:56 PM
अपराध-एक अनकही दास्ताँ
By Rohit kumar in Crime | कुल पढ़ा गया: 249 | कुल पसंद किया गया: 0
रात के 9 बज रहे थे  (पायल ) - माँ.....माँ (माँ ) - कौन..?(पायल ) -माँ मैं पायल....बहुत दिनों से आप से बात करना चाह रही थी पर आप सुन   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Jun 15,2020 09:48 AM
ஒரு தாயின் வலிகளோடு வரிகள்
By M.Sabeena Bahurudeen in Poetry | कुल पढ़ा गया: 248 | कुल पसंद किया गया: 0
உந்தன் பொன்  முக சிரிப்பை காண எனது இரவெல்லாம் விடியல் ஆக்கினேன் ! எனது மடியிலும் நீ தவழ்ந்தாய் ! எந்தன் நேரத்த  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Jul 29,2020 09:04 PM
*कीचड़ मे कमल खिलते रहेंगे*
By in General Literary | कुल पढ़ा गया: 247 | कुल पसंद किया गया: 0
             *कीचड़ मे कमल खिलते रहेंगे* आपने अपने चेहरे पे जो निष्पक्षता की नकाब ओढ रखी है ना उसे पहले निकाल फ  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Apr 10,2020 08:34 AM
Dear Stranger
By Ravi Teja Civil in Poetry | कुल पढ़ा गया: 247 | कुल पसंद किया गया: 0
Dear Stranger.... Have you ever experienced internal bleeding in the heart..? Have you ever witnessed bleeding through your eyes...? Have you ever felt suffocated due to the constrict of over thinking...? Have your ever felt insomnia because of the person whom you need is not with you while waki  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ May 27,2020 04:43 PM
सब समय की बात है
By P. Sharma in Poetry | कुल पढ़ा गया: 247 | कुल पसंद किया गया: 1
परिन्दे आजा़द है पानी भी साफ है हवा बहुत  पाक है सब समय की बात है।।। गलियाँ  वीराना है कैद में इन्सान है मुश्किल   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Jun 1,2020 10:33 AM
Love ❣️
By Neena Joseph in General Literary | कुल पढ़ा गया: 247 | कुल पसंद किया गया: 0
Deficiency of love is an incurable disease that affected lives                                                                      ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Jun 21,2020 11:53 PM
कुछ कह नहीं पाते
By M Tasleem in Poetry | कुल पढ़ा गया: 244 | कुल पसंद किया गया: 0
दिल में रख कर भी हम कुछ कह नहीं पाते क्या कहें उनसे सोच कर भी कह नहीं पाते वो जब मिलते हैं दिल धड़कता है सांस रुकती है ह  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 29,2020 07:59 PM
FAR ❤️
By sk in Poetry | कुल पढ़ा गया: 242 | कुल पसंद किया गया: 0
Distance never seperates you and me, through the eyes of the skies  i always meet you in my dreams!! Distance never seperates you and me, try not only to calculate the time we shared.. but also the love when we paired!! Distance never seperates you and me, every minute I remember the beautifu  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Jun 15,2020 08:16 PM
उधेड़बुन |
By Kaveri Nandan Chandra in Poetry | कुल पढ़ा गया: 241 | कुल पसंद किया गया: 2
करवट करवट रात कटी,  परत परत जब खबर खुली,   दबे पाँव आये दुश्मन की,  दस्तक से मन में हूँक उठी |   हर तरफ थे पसरे सन्  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ May 20,2020 02:18 AM
ಸೂರ್ಯನ ಅನಿಸಿಕೆ
By Surya Kiran in Poetry | कुल पढ़ा गया: 240 | कुल पसंद किया गया: 1
ಹೂವಿನಂತೆ ಅರಳಿದೆ ನೀನು ಈ ಧರೆಯಲ್ಲಿ...  ಯಾವ್ದೇ ಕೊಂಕಿಲ್ಲ ನಿನ್ನ ಚೆಲುವಿನಲ್ಲಿ...!!!  ಜೋಗದ ಸಿರಿಯಂತೆ ಹರಿದಾಡುವ ಆ ನಿನ್ನ ಕೇಶರಾ  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ May 23,2020 02:39 PM