You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palविषय- सूची
भाग-1 : विश्व शान्ति
विश्व शान्ति
संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) : परिचय, उद्देश्य एवं कार्यप्रणाली
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आयोजित सहस्त्राब्दि सम्मेलन-2000 ई0
महासचिव, संयुक्त राष्ट्र का सन्देश - वर्ष 2020 ई0
मानक एवं मानकीकरण संगठन
मानक के सम्बन्ध में विभिन्न वक्तव्य
भाग-2 : सन्देश
100 वर्षीय संयुक्त राष्ट्र को अग्रिम सन्देश
भाग-3 : मानवता विकास के प्रतीक
स्वतंत्रता की मूर्ति (Statue of Liberty) - रोमन देवी लिबर्टस
एकता की मूर्ति (Statue of Unity) - सरदार वल्लभभाई पटेल
सम्पूर्ण एकता की मूर्ति (Statue of Complete Unity) - 8वें सांवर्णि मनु
नेतृत्वकर्ताओं के सम्बन्धित विचार
भाग-4 : सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त
“सम्पूर्ण मानक” का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्य
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त के अनुसार काल, युग बोध एवं अवतार
कर्म वेदान्त और विकास दर्शन
ईश्वर का मस्तिष्क, मानव का मस्तिष्क और कम्प्यूटर
भाग-5 : विश्व शान्ति का अन्तिम मार्ग
एकात्मकर्मवाद और विश्व का भविष्य
विश्व का मूल मन्त्र- ”जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान-जय ज्ञान-जय कर्मज्ञान“
विश्वमानक-शून्य श्रृंखला (निर्माण का आध्यात्मिक न्यूट्रान बम)
राष्ट्रो के संघ - संयुक्त राष्ट्र संघ को सत्य और अन्तिम मार्गदर्शन
अवतारी संविधान से मिलकर भारतीय संविधान बनायेगा विश्व सरकार का संविधान
विश्व सरकार के लिए शून्य आधारित अन्तिम आविष्कार का परिचय
एक विश्व - श्रेष्ठ विश्व के निर्माण के लिए आवश्यक कार्य
शिक्षा प्रणाली का विश्वमानक
विपणन प्रणाली का विश्वमानक
नेतृत्वकर्ताओं के सम्बन्धित विचार
भाग-6 : चुनौती
मानवों के नाम खुला चुनौती पत्र
It looks like you’ve already submitted a review for this book.
Write your review for this book (optional)
Review Deleted
Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.लव कुश सिंह "विश्वमानव"
कल्कि महावतार के रूप में स्वयं को प्रकट करते हुए श्री लव कुश सिंह "विश्वमानव" द्वारा ज्ञान-कर्मज्ञान और न तो किसी के मार्गदर्शन से हैं और एक ही शैक्षणिक विषय के रूप में उनका विषय रखा जा रहा है। न तो वे किसी पद पर कभी सेवारत रहे, न ही किसी राजनीतिक-धार्मिक संस्था के सदस्य रहे हैं। एक नागरिक का अपने विश्व-राष्ट्र के प्रति कर्तव्य के वे सर्वोच्च उदाहरण हैं। साथ ही राष्ट्रीय बौद्धिक क्षमता के प्रतीक हैं।
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.