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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal‘कोविड-19’ का सार
भारत सहित दुनियाभर के लिए कोविड-19 एक ऐसी दहशतनाक महामारी बनकर उभरी है, जो मनुष्य-से-मनुष्य में फैल रही है। यह किसी वय के व्यक्ति को, कहीं पर भी और किसी समय भी लपेटे में ले सकता है। इसीलिए राजा और रंक; बाल और वृद्ध; सभी इससे डरे-सहमे हुए हैं।
हैरत तो यह कि दुनिया को परमाणु बमों का खौफ दिखानेवाले महाबली मुल्कों के पास भी इसका माकूल इलाज नहीं है। इसके वैक्सीन का निर्माण आरंभिक चरण में ही है।
वैक्सीन के अभाव में इंसान के लिए जो करने की चीज है, वह है परहेज-मास्क पहनना, लगातार सेनिटाइज करना, दो गज की दूरी में रहना, हाथ नहीं मिलाना, गले नहीं लगना, बार-बार साबुन से हाथ धोना और कपड़े-लत्ते व घर-द्वार की लगातार सफाई करते रहना।
बचाव में सेल्फ आइसोलेशन व क्वारेंटाइन भी महती भूमिका का निर्वहन कर सकता है। अर्थात अपनी जान व जहान बचाकर अपनी रोजी-रोटी चलाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आन पड़ी है इंसानों पर।
प्रस्तुत निबंध ‘कोविड-19’ कोरोनावायरस के फैलाव के प्रारंभिक दिनों से अगस्त 2020 तक की स्थिति का आकलन करता हुआ समकालीन दस्तावेज है, जो सर्वथा पठनीय व संग्रहणीय है।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.वीरेंद्र देवांगन
लेखक-परिचय
लेखक शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त हैं। लिखने-पढ़ने में रुचि के कारण वे सेवानिवृत्ति के उपरांत भी लेखन-कर्म में संलग्न हैं।
उनकी दर्जनभर से अधिक किताबें अमेजन किंडल में प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें लघुकथाएं, व्यंग्य-रचनाएं, बालकथाएं, उपन्यास, जीवनियां और प्रबंध प्रमुख हैं।
नोशन प्रेस से भी उनकी कई किताबें प्रकाशित हुई हैं। लेखक ब्लाग भी लिखते हैं।
इनके अलावा उनकी लघुकथाएं, व्यंग्य-लेख, बाल कहानियां विभिन्न पत्रपत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होती हैं। लेखक प्रतियोगिता परीक्षा-संबंधी लेखन भी करते हैं, जो प्रतियोगिता परीक्षा-संबंधी पत्रिकाओं में सतत् प्रकाशित होती रहती हैं।
लेखक
वीरेंद्र देवांगन
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