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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palसम्पूर्ण जगत ने हमारे राष्ट्र भारत को विश्वगुरु के रूप में आदि-आदि काल से जाना व माना है तथा सम्पूर्ण विश्व को हर युग में कुछ न कुछ नवीन, अनमोल, अद्भुत, दिव्य व भव्य ज्ञान विज्ञान युक्त भक्ति साधना से शांति, सुख व समृद्धि सदा बाँट कर सदैव आनंद की अनंत यात्रा की है तथा अन्य राष्ट्रों को भी कराई हैं।
आदि काल से वर्तमान काल तक के ऐसे गुरु भगवन्तो की अमर अजर जय-जय-जय गाथा के गीत हम और आप जितना गाये कम है। मुझे भी मेरे आत्मीय गुरु दादा श्री राज राजेन्द्र सुरिश्वर महाराज सा के द्वारा कई आध्यात्मिक धर्म गुरुओं की कृपा दृष्टि में एक अनोखी सृष्टि की साक्षात् यात्रा का अनोखा, अद्भुत, सत्य व सम्पूर्ण जीवन योग मिला तथा दादा गुरुओं द्वारा प्रतिदिन व प्रतिक्षण जो-जो प्राप्त हुआ वह सब का सब तो शब्दों में वर्णन करना मेरे लिए असंभव है मगर थोड़़ा सा सार रूप में छोटी सी प्रस्तावना व प्रस्तुति आप सभी को सादर भेंट है।
महेन्द्र सिंह राठौड़
लेखक महेन्द्र सिंह राठौड़ राजस्थान के मारवाड़ प्रांत में पाली जिले के छोटे से गांव बिरामी के रहने वाले हैं। उनके पिताजी का नाम श्री करण सिंह जी करणोत है एवं माता का नाम बसंत कँवर है। सन् 1977 में जन्मे महेन्द्र सिंह जी, करणोत राजपूत है एवं वीर शिरोमणि दुर्गादास राठौड़ के वंशज हैं। आप पेशे से किसान एवं सरकारी शिक्षक के रूप में प्रारंभिक शिक्षा विभाग में कार्यरत है। महेन्द्र सिंह एक प्रकृति प्रेमी एवं लेखन कार्य में प्रकृति के उपासक रूप में पूर्ण श्रद्धा समर्पण एवं समर्पित व्यक्तित्व में जीने वाले सरल एवं श्री धर्म-धार्मिक सेवाभावी व्यक्ति है।
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