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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palक्या कभी चढ़ी हैं आपने मन की सीढ़ियाँ?
क्या कभी उतरे हैं आप रूह में अपनी?
ये कविताएँ हमारे मन के भीतर चढ़ती-उतरती सीढ़ियाँ हैं।
हमारा हर एहसास, हर अनुभव हमें इक सीढ़ी तक ले जाता है।
कभी ये सीढ़ियाँ आपको प्रेम की ऊँचाइयाँ दिखायेंगी तो कभी विरह की गहराइयाँ।
शब्दों में ढली ये यात्राएँ,
आपको खुद की रूह की दहलीज़ तक ले जाएँगी।
तो आइए, कदम बढ़ाइए
और चढ़िए अपने मन की सीढ़ियाँ
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.सुजाता राजे
सुजाता राजे का जन्म उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में हुआ पर उनका परिवार अलीगढ़ में आकर बसा जहाँ से उन्होने अपनी शिक्षा पूरी की। इस समय वह चेन्नई में रहती हैं। उन्होंने एमबीए किया है और साथ ही उन्हे यूजीसी नेट की योग्यता भी प्राप्त है। सुजाता कई प्रबंधन संस्थानों में प्राध्यापक रही हैं और अपनी समझ और अनुभव से उन्होंने अनेक छात्रों को सीखने और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।
कवितायें उनके जीवन का अहम हिस्सा रही हैं। वह हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में
लिखती हैं। उनका पहला काव्य-संग्रह उनकी संवेदनशीलता और रचनात्मकता का खूबसूरत प्रतिबिंब है और उनके साहित्यिक सफर का नया पड़ाव भी है।
लेखन के अलावा सुजाता लोक चित्रकला, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, नृत्य, खाना बनाना, पढ़ना और फोटोग्राफी में रूचि रखतीं हैं। ये सारी रुचियाँ उनकी कल्पना को और समृद्ध करती हैं और उनकी कविताओं को एक अलग ही रंग और गहराई देती हैं।
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