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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palराय प्रवीण : ओरछा की कोकिला - प्रेम, ज्ञान और निष्ठा की एक अनूठी गाथा राय प्रवीण बुंदेलखंड के ओरछा राज्य की एक प्रतिभाशाली महिला थीं। वह अपनी सुंदरता, गायन, नृत्य और काव्य प्रतिभा के लिए जानी जाती थीं। राजा इंद्रजीत सिंह के प्रति उनके प्रेम के साथ-साथ सम्राट अकबर के दरबार में प्रदर्शित उनकी बुद्धिमत्ता और निष्ठा ने उन्हें इतिहास में एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बना दिया। उनका जन्म किसी शाही वंश में नहीं हुआ था, लेकिन कला में उनकी निपुणता ने उन्हें ओरछा दरबार में एक विशेष स्थान दिलाया। राजा इंद्रजीत सिंह ने उनके लिए "राय प्रवीण महल" का निर्माण कराया, जो आज भी उनके प्रेम और सम्मान का प्रतीक है। जब अकबर ने राय प्रवीण को दरबार में बुलाया, तो वह ओरछा के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय था। आगरा जाकर उन्होंने अकबर के समक्ष एक दोहा सुनाया:
“विनती राय प्रवीन की, सुनिए साह सुजान,
झूठी पातर भखत हैं, बारी-बायस-स्वान।”
इस दोहे के माध्यम से उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि उनका हृदय पहले से ही राजा इंद्रजीत सिंह के प्रति समर्पित है। उनकी बुद्धिमत्ता और ईमानदारी से प्रभावित होकर, अकबर ने उन्हें सम्मान के साथ ओरछा लौटने की अनुमति दे दी। राय प्रवीण की कहानी एक ऐसी महिला का उदाहरण है जिसने गरिमा, प्रेम, कला और स्वाभिमान के साथ सम्राट की इच्छाओं का सामना किया। उनका जीवन आज भी हमें सिखाता है कि सच्ची प्रतिभा और ईमानदारी किसी भी शक्ति से कहीं अधिक मूल्यवान है।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.डॉ.रवीन्द्र पस्तोर
लेखक परिचय
डॉ. रवीन्द्र पस्तोर एक सच्चे पुनरुत्थान और पुनर्खोजी व्यक्ति रहे हैं, जो दूरदर्शी, सफल उद्यमी, जुनूनी फोटोग्राफर, वाक्पटु प्रेरक वक्ता, और उत्कृष्ट रूप से सफल आईएएस अधिकारी रहे हैं। उन्होंने सरकार में अपने छत्तीस वर्षों के उपलब्धीपूर्ण करियर के दौरान कई नवीनतम और प्रशंसनीय प्रशासनिक नीतिगत परिवर्तनों का नेतृत्व किया।
अब वे अपने बहुरूपदर्शी अनुभवों, अन्वेषणों और प्रयोगों को आध्यात्मिक ज्ञान से परिपूर्ण करके एक उपन्यास लेखक के रूप में प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं, जिसे उन्होंने अपने अत्यंत सक्रिय जीवन अनुभव के माध्यम से प्राप्त किया है। यह उपन्यास पाठकों को लोककथाओं, पौराणिक कथाओं और किंवदंतियों की एक अद्भुत रोमांचक यात्रा पर ले जाएगा!
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