You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal“एक फैसला जो देश की तकदीर बदल सकता है... लेकिन क्या वह खुद को बदलने से रोक पाएगा?"
एक ईमानदार न्यायाधीश, जिसकी हर फैसला चट्टान की तरह अडिग रहा है, अब अपने जीवन के सबसे कठिन निर्णय के मोड़ पर खड़ा है । सत्य और न्याय की रक्षा में पूरी ज़िंदगी समर्पित करने वाला यह व्यक्ति अब न केवल राजनीतिक दबाव बल्कि अपने ही परिवार की परीक्षा का सामना कर रहा है । जिस नैतिकता पर उसे गर्व था, वही अब उसकी सबसे कठिन कसौटी बन चुकी है ।
जब वह चुनावी धांधली को उजागर करता है, तो उसका फैसला सत्ता के गलियारों में भूचाल ला देता है । भ्रष्ट नेता उसे अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानने लगते हैं । लेकिन सबसे गहरा धोखा बाहर से नहीं, बल्कि उसके अपने घर से आता है—जिस परिवार की रक्षा के लिए उसने हमेशा लड़ाई लड़ी, वही अब उसे रिश्वत स्वीकार करने और सत्ता से समझौता करने के लिए मजबूर कर रहा है ।
अब, व्यवस्था उसे देश के सर्वोच्च पद का प्रस्ताव देती है—एक शर्त पर: उसे अपने सिद्धांतों को त्यागना होगा। चारों ओर से बढ़ते दबाव—राजनीति, सत्ता तंत्र और अपने परिवार—के बीच उसे निर्णय लेना होगा ।
क्या वह इस अग्निपरीक्षा में अडिग रह पाएगा? क्या वह अपने आदर्शों की रक्षा करेगा, या फिर यह भी सत्ता के नैतिकता पर विजय की एक और कहानी बनकर रह जाएगी?
“एक फैसला जो न सिर्फ देश, बल्कि उसकी आत्मा की तकदीर बदल सकता है… क्या वह झुकेगा, टूटेगा, या इतिहास में अपनी पहचान अमर करेगा?"
जगनन्दन त्यागी
श्री जगनन्दन त्यागी एक भारतीय लेखक हैं, जिनकी पहली किताब [ द मशाल ऑफ़ जस्टिस ] उनके साहित्यिक सफर की एक शानदार शुरुआत है । उन्हें कहानियाँ लिखने का गहरा शौक है, और उनकी रचनाएँ समाज, संस्कृति और जीवन की सच्चाइयों से जुड़ी हैं । उनके लेखन में वास्तविक अनुभवों और आसपास की दुनिया की झलक मिलती है, जिससे उनके पाठक उनसे आसानी से खुद को जोड़ पाएंगे ।
श्री त्यागी का जन्म मुज़फ्फरनगर, उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने 1973 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद उन्होंने एक सार्वजानिक क्षेत्र उपक्रम में महाप्रबंधक (जनरल मैनेजर) के पद पर कार्य किया।
अपनी सेवानिवृत्ति के बाद वे सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे है और हमेशा आगे बढ़ने व सिखने में विश्वास रखते हैं ।
तकनीकी क्षेत्र में काम करने के बावजूद उनका साहित्य के प्रति प्रेम कभी कम नहीं हुआ । लेखन की ओर उनका रुझान समाज, मानवीय भावनाओं और जीवन की गहरी समझ को व्यक्त करने की इच्छा से प्रेरित हैं । उनकी पहली पुस्तक इन पहलुओं को खूबसूरती से दर्शाती है ।
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.