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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palये लेखिका की प्रथम पुस्तक है।और इस पुस्तक के माध्यम से लेखिका ने अपने मन के सच्चे भाव लेखनी में संजोए हैं।वो चाहे प्रेम पर हो दोस्ती उदासी या भगवान के लिए। इसमें इन्होंने यह बताने का प्रयास किया है कि हमारे जीवन में काफी उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। जब हमारा मन दुखी होता है,हम उदास हो जाते हैं,कोई हमसे रूठ जाता है या हमें छोड़ कर चला जाता है, या जब हम किसी के प्रेम में पड़ जाते हैं तो वो जितनी भी घटनाएं हमारे जीवन में घटित होती है उन सभी घटित भावनाएं एवं एहसासों को शब्दों के माध्यम से लेखिका ने अपनी इस पुस्तक में संजोया हैं।
इनका प्रिय शीर्षक प्रेम रहा है। प्रेम पर इन्होंने बहुत कुछ लिखा है। क्योंकि इनका मानना है कि जब हम किसी के प्रेम में होते हैं तो हमारे मन में अच्छे-अच्छे भाव आते हैं,हमारा मन प्रसन्न रहता है और फिर हम उसी में डूबे रहते हैं।बस इन्हीं सब एहसासों को लेखिका ने अपनी लेखनी से कलमबद्ध किया है।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.शैली अग्रवाल
शैली अग्रवाल का जन्म 26 जून 1983 को गाजियाबाद जिले के पिलखुवा कस्बे में हुआ था | इनकी माता श्रीमती कमलेश अग्रवाल हिंदी एवं संस्कृत की अध्यापिका थी। अब वह ग्रहणी है,और पिताजी श्री रोहिताश अग्रवाल कपड़ा व्यापारी हैं।
शैली की स्नातक की शिक्षा पिलखुवा कस्बे में ही हुई, इनकी हिंदी एवं मनोविज्ञान पढ़ने में काफी रूचि थी। इन्होंने अपनी हिंदी की शिक्षा अपनी माता से ली एवं मनोविज्ञान में परास्नातक की शिक्षा गाजियाबाद के एसडी कॉलेज से की थी। शैली की इच्छा मनोवैज्ञानिक बनने की थी इसलिए परास्नातक के बाद मेरठ विश्वविद्यालय से 2 वर्ष की नैदानिक मनोविज्ञान में उच्च शिक्षा प्राप्त कर नैदानिक मनोवैज्ञानिक बनी।
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट शिक्षा प्राप्त करने के बाद, आपने हापुड़ में अपना क्लीनिक अभ्यास प्रारंभ किया। साल 2009 में इनका विवाह हो गया और विवाह पश्चात यह बैंगलुरू चली गई | अब यह बैंगलुरू में अपने पति निमेष अग्रवाल एवं पुत्र ओजस अग्रवाल के साथ रहती हैं।
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