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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palप्रस्तुत शायरी संग्रह , पांच भागों में - "तेरी याद , सजा , तनहाई , जिंदगी और मोहब्बत" में व्यवस्थित है। एक परंपरागत विषय है, जो सदैव नवीन है, वह है-‘प्रेम’। यह झरने की तरह सदैव प्रवाहित है, जो निरंतर है, गिरता है, उठता है पर कभी समाप्त नहीं होता।अपितु हर बार ऊंचाई से गिरकर जब उठता है, तो छटा बिखेरता है। अपने मोहपाश में हम सबको बांध लेता है। इसका आकर्षण नियत है, जो कभी समाप्त नहीं होता। इस झरने का उद्भव भी स्वत: है, और कभी-कभी एक रहस्य है। इसकी रफ्तार धीमी है, तो कभी तेज है, परंतु निरंतर है।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.कृष्ण पाल सिंह
कृष्ण पाल सिंह का जन्म छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले के दल्ली-राजहरा में १९७८ में हुआ था। इनका पैतृक निवास मध्य-प्रदेश के रीवा जिले में है। वर्तमान में भारतीय रेलवे में अधिकारी के रूप में राष्ट्र की सेवा में समर्पित हैं । बचपन से ही साहित्य की विभिन्न विधाओं में रूचि होने के कारण लेखन निरंतर चलता रहा व समय-समय पर अलग-अलग मंचों से प्रस्तुति होती रही । रेलवे की पत्रिकाओं में भी इनकी रचना प्रकाशित होती रही है। ‘यादों के भँवर ‘ इनकी दूसरी रचना है।
पहली रचना : अंतराल (काव्य संग्रह )
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