सम्पूर्ण विश्व में आत्महत्या का ग्राफ दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। बढ़ती अन्धाधुन विकास की रफ्तार में रिश्तों, भावनाओं एवं बनाई हुई नीतियों के लिए शायद कोई स्थान नहीं रह गया है। इसीलिए ही चमकती विकास की रोशनियों के बीच कुछ रोशनी बुझ रही है। एक पल के लिए, हम सब को सोचना चाहिए। दूसरों की जीवन की समस्याओं के लिए हल ढूंढ़ना चाहिए। जीवन जीने का अधिकार सभी को है। कोई भूखा है, प्यासा है, कमजोर है। हमें निर्बल हेतु मदद करनी चाहिए। यह हमारी मानवता का धर्म है।