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PRIYA-PRAVAAS / प्रियप्रवास खड़ी बोली हिन्दी का प्रथम महाकाव्य

Author Name: 'VIDEH' ARVIND KUMAR | Format: Hardcover | Genre : Poetry | Other Details

प्रिय-प्रवास
‘प्रिय-प्रवास’ हिंदी -- खड़ी बोली -- का प्रथम महाकाव्य है जो स्वनाम धन्य महाकवि अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की अमर कृति है। अत्यंत सुमधुर काव्य के रूप में युग-पुरुष श्रीकृष्ण के गोकुल से मथुरा प्रवास और उनके वियोग से व्यथित गोकुल-वासियों की विरह-वेदना का सरस चित्रण इसमें है। वह एक प्रकार से हर प्राणी की वेदना ही है जो वह उस समय अनुभव करता है जब कोई स्वजन प्रवास हेतु जाता है या प्रयाण करता है, जो कि संसृति का अपरिहार्य लक्षण ही है। आसक्ति, मोह और ममता सब दुःखों का मूल है; ज्ञान दुःखों से मुक्ति का साधन! इस महाआख्यान का यही सार अथच केंद्रीय संदेश समझ में आता है। ‘प्रिय-प्रवास’ विरह, बिछुड़ने की वेदना, नैसर्गिक प्रेम और विश्व-कल्याण के संदेश का ही महाकाव्यात्मक सरस रूप है। ‘विदेह’ अरविन्द कुमार ने इस अद्भुत साहित्यिक कृति को पुनर्संकलित एवं पुनर्मुद्रित करके इसकी एक संक्षिप्त गद्य कथा भी इसमें प्रस्तुत की है।

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'विदेह' अरविन्द कुमार

‘विदेह’ अरविन्द कुमार

विभिन्न विधाओं में आपने अब तक 24 ग्रंथों का प्रणयन किया है, जिनमें 14 अंग्रेजी एवं 10 हिंदी भाषा में हैं। हिंदी की पुस्तकों में 03 कहानी-संग्रह (अनपढ़ लिपि, पाषाण युग, निसर्ग); 03 कविता-संग्रह (आर्त-गान, काल-क्रन्दन, अननुभूत काल); 01 नाटिका (अम्बेडकर-स्मृति); 01 काव्य-संचयन (प्रार्थना एवं प्राणांश) उल्लेखनीय हैं। इसके अतिरिक्त आपने खड़ी बोली के प्रथम महाकाव्य ‘प्रिय-प्रवास’ को भी पुनर्संकलित एवं पुनर्मुद्रित किया है; तथा साथ ही, वाल्मीकि रामायण के उत्तरकाण्ड का गद्यांतरण इतिहास के दृष्टिकोण से आपने ‘महामुनि वाल्मीकि रचित् इतिहास: रामायण – उत्तरकाण्ड’ नामक पुस्तक के रूप में किया है। 

अंग्रेजी भाषा में आपकी उपन्यास शृंखला ‘Hypocrisy & Reality’ है जिसके अब तक 6 खण्ड वह प्रस्तुत कर चुके हैं (Beyond the Pale; Wilderness of Literacy; Advent of Time; Devoid of Shelter; Price of Refuge; Hatred towards Love)। इसके अतिरिक्त, 01 Comedietta (Chambellion); 01 Short Story collection (Brainy Beasts); 01 Poetry anthology (Bewailing Muse); 01 Drama (Self-styled Sovereign, the Judiciary); पौराणिक ग्रंथ ‘शिव पुराण’ के आधुनिक संदर्भों में अध्ययन पर आधारित 01 पुस्तक (Procreation, the Adorable); 2017 के साहित्य नोबेल पुरस्कार विजेता, Kazuo Ishiguro, के प्रथम उपन्यास ‘A Pale View of the Hills’ पर आधारित 01 समीक्षात्मक ग्रंथ (Nagasaki: Bomb & Aftermath) हैं।

विदेह जितने मौलिक सर्जक हैं उतने ही समर्थ अनुवादक भी हैं। उन्होंने हिंदी के 02 काव्य-संग्रहों – ‘निर्विकार’ मुकेश के ‘हत्यारी सदी में जीवन की खोज, और ‘अश्वघोष’ ओमप्रकाश शर्मा के ‘अदृश्य का यथार्थ’ – का काव्यात्मक अनुवाद अंग्रेजी में किया है, जो क्रमश: ‘Search for Life’ एवं ‘Reality of Invisible’ के नाम से प्रकाशित हुई हैं। 

अभी हाल ही में 2024 के हिंदी दिवस पर – 14 सितंबर  को – विदेह को ‘शुभम् साहित्य, कला एवम् संस्कृति संस्थान’ द्वारा उनके सर्वोच्च सम्मान ‘शुभम् रत्न’ से सम्मानित किया गया है। 

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