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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"'जीवन की लहरें' त्रिशा चटर्जी की भावनात्मक डायरी है – कविता के रूप में", जो जीवन के उतार-चढ़ाव, टूटन और फिर से खड़े होने की यात्रा को गहराई से छूता है।
इस संग्रह में 52 कविताएँ हैं — हर एक कविता जीवन की किसी न किसी लहर को दर्शाती है: कभी स्मृति बनकर, कभी सवाल बनकर, तो कभी एक सच्चा आइना बनकर जो आत्मा की परतें खोल देती है।
त्रिशा की कविताएँ कोई कल्पना नहीं, बल्कि उनके जीवन के अनुभव हैं — माँ की अनुपस्थिति का दर्द, रिश्तों की सच्चाई, भीतर का अकेलापन, और फिर उस अंधेरे से बाहर आने की कोशिश।
यह पुस्तक केवल शब्दों का संग्राह नहीं, बल्कि एक भावनात्मक सफर है जो हर उस इंसान को छू लेगा जिसने कभी प्रेम किया हो, खोया हो, या खुद से जूझा हो।
अगर आप ऐसी कविताएँ पढ़ना चाहते हैं जो आपको भीतर तक महसूस हों, तो "जीवन की लहरें" आपकी आत्मा को छू सकती है।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.त्रिशा चटर्जी
त्रिशा चटर्जी एक संवेदनशील और भावनात्मक कवयित्री हैं, जिनकी कविताएँ जीवन के वास्तविक अनुभवों से जन्म लेती हैं। उनका जन्म पश्चिम बंगाल के आसनसोल में हुआ और विवाह के उपरांत वे अहमदाबाद में निवास कर रही हैं। लेखन उनके लिए केवल एक अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि आत्मा की भाषा है — एक साधना, जिसने उन्हें जीवन की सबसे कठिन घड़ियों में भी थामे रखा।
त्रिशा का वास्तविक नाम तनुस्री रॉय है, लेकिन उन्होंने अपनी रचनात्मक पहचान के लिए ‘त्रिशा चटर्जी’ नाम को चुना, जो उनके भीतर की भावनात्मक ऊर्जा और आत्मिक स्वरूप को दर्शाता है। हिंदी और अंग्रेज़ी साहित्य में गहरी रुचि रखने वाली त्रिशा वर्षों से कविताओं, डायरी लेखन और विचारमंथन के माध्यम से अपने भीतर की दुनिया को व्यक्त करती रही हैं।
‘जीवन की लहरें’ उनका पहला कविता-संग्रह है, जो न केवल उनकी लेखनी का सार है, बल्कि उनके निजी जीवन की भावनात्मक परतों की झलक भी देता है। माता-पिता के एक साथ हुए देहांत, आत्म-खोज की पीड़ा, रिश्तों की जटिलता, भीतर का अकेलापन — और फिर उस अंधेरे से निकलकर उजाले की ओर बढ़ने की कोशिश — इन सभी अनुभवों ने उनकी लेखनी को एक दुर्लभ सच्चाई और गहराई दी है।
त्रिशा मानती हैं कि कविता केवल शब्दों की खूबसूरती नहीं, बल्कि जीवन के संघर्षों की सच्ची प्रतिध्वनि है। वे चाहती हैं कि उनकी कविताएँ उन सभी पाठकों तक पहुँचे जिन्होंने प्रेम किया है, खोया है, अकेलापन महसूस किया है या फिर खुद से जूझे हैं। उनके लिए लेखन केवल एक कला नहीं, आत्मा की आवाज़ है।
अपने लेखन के माध्यम से वे न केवल स्वयं को समझ रही हैं, बल्कि दूसरों के हृदय को भी छूने का प्रयास कर रही हैं। उनका सपना है कि एक दिन उनकी कविताएँ दुनिया के हर कोने तक पहुँचें और यह सिद्ध करें कि भावनाओं की कोई भाषा नहीं होती — केवल संवेदना होती है।
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