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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"शुभ दिन एक सफर" एक प्रेरणादायक पुस्तक है जो प्रबंधन के सिद्धांतों और जीवन के मूल्यों को सुंदरता से जोड़ती है। यह पुस्तक पाठकों को आत्म-चिंतन, नेतृत्व और उद्देश्यपूर्ण जीवन की दिशा में ले जाती है। लेखक ने वास्तविक जीवन की घटनाओं, केस स्टडीज़ और दार्शनिक विचारों के माध्यम से यह बताया है कि कैसे रोज़मर्रा के अनुभव हमें निर्णय लेने, समय प्रबंधन, धैर्य और लक्ष्य निर्धारण जैसे महत्वपूर्ण पाठ सीखा सकते हैं।पुस्तक का शीर्षक "शुभ दिन एक सफर" स्वयं इस बात का संकेत देता है कि हर दिन एक नई शुरुआत है और हर सफर अपने आप में एक सीख है। यह पुस्तक हमें कठिनाईयों को अपनाने, असफलताओं से सीखने और सफलता की ओर बढ़ते हुए विनम्र बने रहने की प्रेरणा देती है। इसमें ईमानदारी, सहानुभूति और सजगता जैसे मानवीय मूल्यों पर भी विशेष बल दिया गया है।यह पुस्तक विशेष रूप से प्रबंधकों, उद्यमियों, विद्यार्थियों और जीवन में दिशा की तलाश कर रहे लोगों के लिए उपयोगी है। "शुभ दिन एक सफर" न सिर्फ कार्यक्षमता बढ़ाने की प्रेरणा देती है, बल्कि जीवन को एक सुंदर, उद्देश्यपूर्ण यात्रा की तरह देखने का दृष्टिकोण भी देती है।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.Dr. सचिन झवर
"शुभ दिन एक सफर" के लिए लिखते हुए, मेरा हृदय इस अद्भुत यात्रा के प्रति कृतज्ञता और प्रेम से भर उठा है। यह पुस्तक केवल शब्दों का संग्रह नहीं, बल्कि विकास, समर्पण और उन लोगों के अटूट सहयोग का प्रमाण है, जिन्होंने मेरे जीवन को छुआ है। मेरे रोगियों, आपके विश्वास और सीखों के लिए मैं हृदय से आभारी हूँ। आपकी कहानियाँ इस पुस्तक की प्रेरणा बनीं। एपेक्स परिवार, आपके अथक प्रयासों का शुक्रिया। आपका समर्पण दूसरों के लिए प्रकाशस्तंभ है। दीपिका पारीक और डॉ. व्रजेश शाह का विशेष धन्यवाद। मेरे परिवार – मेरी माँ सरला झवर, पिता डॉ. एस.बी. झवर, डॉ. शीनू और डॉ. शैलेश, और मेरे बच्चे सिद्धांत, आरियाना और नीवन – आप सबके प्यार ने मुझे सबल बनाया। यह पुस्तक प्रेम, सहयोग और सकारात्मक बदलाव की शक्ति को समर्पित है। आशा है, यह पाठकों को उत्कृष्टता की ओर प्रेरित करेगी।
— डॉ. सचिन झवर
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