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Kabhi Kabhaar / कभी कभार Khaalipan Se Bhara Ek Antar / खालीपन से भरा एक अंतर

Author Name: Vaibhav Srivastava | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

कभी-कभार एक कवि अपने मन के भार को हल्का करने के लिए कागज़ कलम का सहारा लेता है, उन्हीं कुछ पलों में लिखी हुई कुछ चीज़ों को पिरोकर ये छोटी सी किताब का रूप दिया है मैंने।

अपने बारे में बता दूं कि मैं पेशे से वैसे एक बैंकर  हूँ, मुझे लगा ये बता दूं क्योंकि, बैंकर, इंजीनियर, डॉक्टर इन सब लोगो से अगर पूछा जाता है कि आप क्या करते हैं तो कोई फॉलोअप सवाल नहीं होता है, परंतु एक कलाकार से जब भी पूछा जाता है कि आप क्या करते हैं, तो  Follow-Up सवाल ज़रूर बनता है- 

“ये सब तो ठीक है मगर काम क्या करते हो, बेटा?”

दूसरी जरूरी बात ये बतानी है जो जिंदगी ने मुझे सिखाई है कि सारी खुशियां खराब होने की एक ही वजह है - "उम्मीद" 

तो आप लोगो से अनुरोध है कि उम्मीद बहुत कम रख के ये कविताओ का संग्रह पढ़े।

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वैभव श्रीवास्तव

वैभव श्रीवास्तव – दिन में बैंकर, दिल से कलाकार

वैभव श्रीवास्तव पेशे से बैंकर हैं, लेकिन उनके भीतर एक सच्चा कलाकार बसता है। दिन में वह वित्तीय दुनिया की संरचित गुत्थियों को सुलझाते हैं, और रात में अपने गीतों, कविताओं और कहानियों के माध्यम से अपनी भावनाओं को अभिव्यक्ति देते हैं।

एक संवेदनशील कवि, गीतकार और कथाकार के रूप में, वह अपनी रचनाओं में सुकून और गहराई तलाशते हैं। उनका मूल संगीत एल्बम  "Basta- By Vaibhav Srivastava “tathastu”" सभी प्रमुख स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों, जिसमें YouTube भी शामिल है, पर उपलब्ध है, जो उनकी भावनात्मक और अर्थपूर्ण धुनों का सजीव उदाहरण है।

अब, वह अपनी पहली काव्य संग्रह के साथ प्रकाशन की दुनिया में कदम रख रहे हैं—जहाँ उनकी कविताएँ भावनाओं और अनुभवों की एक अनफ़िल्टर्ड प्रस्तुति हैं।

उनका सृजन एकदम ताज़ा, मनमोहक और दिल से जुड़ा हुआ है। तो आइए, इसमें डूब जाइए और उनके शब्दों की यात्रा का आनंद लीजिए!

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